उत्तराखंड की देवांशी ने वर्ल्ड कप में भारत को दिलाए निशानेबाजी में दो गोल्ड मैडल

उत्तराखंड की देवांशी ने वर्ल्ड कप में भारत को दिलाए निशानेबाजी में दो गोल्ड मैडल
गोल्डन ब्वॉय के नाम से मशहूर पिस्टल किंग जसपाल राणा की बेटी देवांशी राणा ने ऑस्ट्रेलया में आयोजित निशानेबाजी की जूनियर वर्ल्ड कप प्रतियोगिता में गोल्ड अपने नाम कर लिया है। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में चल रही आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप निशानेबाजी प्रतियोगिता में पद्मश्री जसपाल राणा देवांशी ने स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इससे देवांशी के गांव चिलामू में खुशी की लहर है।
देवांशी राणा ने शनिवार सुबह 10 मीटर टीम एयर पिस्टल प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल कर भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। इस दौरान देवांशी के पिता पद्मश्री जसपाल राणा और विश्वकप में जज की भूमिका में उनके चाचा सुभाष  राणा भी सिडनी में मौजूद थे। देवांशी की इस उपलब्धि पर राज्य राइफल संघ के अध्यक्ष और देवांशी के दादा पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा सहित क्षेत्र के लोगों ने खुशी जताते हुए देवांशी को अगले 25 मीटर मैच के लिए शुभकामनाएं दी है।देवांशी की सफलता पर अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज विवेक सिंह, निशानेबाज अनिल कवि, रोशन रावत, योगेश शर्मा, संदीप कवि, संजय कुमार, आनंद सिंह रावत, गोविंद बोरा, विजय चौधरी आदि ने मिठाई बांटी। यहां बता दें कि देवांशी लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा हैं। इस प्रतियोगिता में जसपाल राणा जूनियर टीम के कोच व उनके छोटे भाई सुभाष राणा ज्यूरी की निर्णायक भूमिका रहे। इस प्रतियोगिता में गोल्ड जीतने के बाद उत्तराखंड में खुशी का माहौल है।
राणा पीढ़ी का निशानेबाजी में हुनर: इससे पहले भी नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में देवांशी दो मेडल अपने नाम कर चुकी है, उत्तराखंड के जसपाल राणा के नाम से तो सभी लोग भली भाती परिचित है, जिन्होंने पद्मश्री पुरस्कार जीतकर पुरे देश का नाम रोशन किया था, साथ ही पद्मश्री से पहले जसपाल राणा को अर्जुन अवॉर्ड भी मिल चुका है।
आपको बता दे की देवांशी अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की सदस्य हैं, जिन्होंने नेशनल लेवल पर मेडल अपने नाम किया है। देवांशी के दादा नारायण सिंह राणा ने भी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता था। इसके पश्चात नारायण सिंह राणा के बेटे जसपाल राणा का तो निशानेबाजी में नाम ही काफी है।
जसपाल राणा ने 1995 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में आठ स्वर्ण पदक जीतकर नया रिकॉर्ड तैयार किया था। 1994 के एसियन गेम्स में जसपाल राणा ने गोल्ड मेडल जीता था।  वर्तमान में जसपाल राणा देहरादून में राणा इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी में बतौर कोच हैं। वही देवांशी ने अंडर 14 में 400 में से 374 निशाने लगाकर स्वर्ण पदक जीता था।

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