टिहरी जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था ,शिक्षा विभाग की खुली पोल



 Updated on: October 13, 2018, 11:50 AM IST





 
 
इस राज्य  में कितनी सरकारें आयी और कितनी सरकारें चली गई और अगर कुछ नही बदले तो वो हैं शिक्षा के हालात जो आज भी बदहाल बने हुये हैं,वैसे तो शिक्षा को लेकर बडे-बडे़ दावे तो किये जाते हैं लेकिन तस्वीर फिर भी नहीं बदल पाती है, और सरकारी स्कूलों के बच्चे अच्छी शिक्षा के अभाव के  चलते प्राइवेट स्कूलों के बच्चो से कहीं दूर बिछड़ जाते हैं |

जी हां ये सौ फीसदी सच है कि सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लाख दावे कर लें लेकिन धरातल पर इसे लागू करना आसान नहीं है, क्योंकि कहीं पर बच्चो की कमी है तो कहीं पर शिक्षकों की कमी है, ऐसा ही कुछ नजारा है चंबा के बनाली इंटर कॉलेज का जिसे हाईस्कूल से इंटरमीडिएट तो कर दिया गया,लेकिन जितने अध्यापक यहां होने चाहिए थे उतने आजतक भी नहीं हैं,जिसका खामीयाजा यहां पढ़ने वाले बच्चो को भुगतना पड रहा है |

हमारे देश की एक बड़ी विडंबना है चाहे राज्य हो चाहे जिला या फिर कस्बा हर जगह हमें चुनावी मौसम में राजनीति पार्टियों के बड़े-बडे़ लुभावने वादे सुनने को मिलते हैं |उत्तराखंड भी इन वादों से अछूता नहीं है, कितनी सरकारें आयी और कितनी सरकारें चली गई इन सभी ने शिक्षा को लेकर तमाम वायदे किये थे लेकिन आज भी शिक्षा को लेकर कोई सुधार देखने को नहीं मिलता, टिहरी जिले में शिक्षा को लेकर किये गये वायदों की पोल खुलती नजर आती है|

आलम ये है कि स्कूल में शिक्षकों की कमी है, शिक्षा की गुणवत्ता सही नहीं है ?बच्चों को सुविधाएं नही मिल पा रही हैं? जो सबसे बड़ा चिंता का विषय है |

राजकीय इंटर कॉलेज बनाली में कक्षा छः से बारह तक पढ़ने वाले छात्र-छात्रावों की संख्या 180 से ज्यादा है, लेकिन इनको पढा़ने के लिए यहां पर्याप्त टीचर नहीं  हैं,इस इंटर कॉलेज में कक्षा छः से बारह तक के केवल छः ही अध्यापक मौजुद हैं,जो इन छात्र -छात्रावों को पढा़ रहे हैं,हालात तो ये हैं कि कक्षा (छः) से (आठ) की कक्षाओं का कोई भी अध्यापक मौजुद नहीं है |

ऐसी स्थिति में उपनल से कार्यरत राइका बनाली में लैब असिस्टेंट के पद पर मनीषा नेगी इस विद्यालय के छात्रों के लिए मिसाल बनी है जो अपने विषय के अलावा कक्षा(छः) से (आठ) तक की कक्षाओं में (हिन्दी, अंग्रेज़ी,सांइस,पर्यावरण के विषय ) पढा रही है |
अब सबसे बड़ा सवाल जिले के संबंधित शिक्षा अधिकारीयों से ये है कि क्या
 इन आला अधिकारियों को राइका बनाली की स्थिति के बारे में पता नहीं है, अगर पता नहीं है तो क्यों पता नहीं है ,और पता है तो जब  प्रदेश के शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय कह रहे हैं कि कोई तीसरी व्यवस्थाकी जाये ,तो इन अधिकारीयों ने अभी तक कोई व्यवस्था क्यों नहीं की गई ,लेकिन यहां तो उपखंड शिक्षाअधिकारी ने विद्यालय में पहले से  कक्षा (छः)से (आठ) तक का एक अध्यापक मौजुद था उसे भी अधिकारी महोदय ने किसी अन्य विद्यालय में भेज दिया |
फिलहाल मामला अब डबल इंजन की सरकार  प्रदेश के मुख्यमंत्रीत्रिवेंद्र सिंह रावत  व शिक्षामंत्रीअरविंद पांडेय के संज्ञान में पहुँच चुका है, अब देखना ये होगा कि अब मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री इन छात्रों के भविष्य को लेकर क्या कार्यवाही करते हैं l

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