निजी जानकारी इक्ट्ठा कर,गोपनीयता के अधिकारों का हनन
बीजिंग। भारत में ही नहीं चीन में भी लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि सरकार उनकी सभी निजी जानकारी इक्ट्ठा कर उनके गोपनीयता के अधिकारों का हनन कर रही है। ऐसे ही लोगों के एक समूह ने चीनी सरकार को कहा है कि नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी संग्रहीत करने के लिए बड़े डेटा प्लेटफार्म का निर्माण करना बंद करे, जो उनके गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन है।
ह्यूमन राइट्स वॉच के बयान में कहा गया है कि 'पुलिस क्लाउड' कार्यकर्ताओं, असंतुष्टों और जातीय अल्पसंख्यकों की गतिविधियों पर नजर रखने और अनुमानित करने के लिए तैयार किया गया है। यह अंतरराष्ट्रीय गोपनीयता मानकों का पालन नहीं करता है।
चीन ह्यूमन राइट्स वॉच की निदेशक सोफी रिचर्डसन ने कहा, 'यह भयावह है कि चीनी अधिकारियों ने सैकड़ों आम लोगों के बारे में कुछ ज्यादा ही निजी जानकारी इकट्ठी और केंद्रीकृत कर ली है। ऐसे में वे उन लोगों की पहचान कर रहे हैं, जो उनके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश कर सकते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकते हैं।'
एचआरडब्ल्यू के अनुसार, चीनी सरकार ने वर्षों से नागरिकों की जानकारी संग्रहीत की है और अब नई प्रौद्योगिकियों की खोज कर रही है, ताकि व्यक्तिगत जानकारी को अधिक कुशलता से इकट्ठा किया जा सके। नागरिकों की इन जानकारियों को राष्ट्रीय और स्थानीय दोनों स्तरों पर सरकारी विभागों में साझा करने की योजना है। कई ऐप्लिकेशंस का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे लोगों के मोबाइल टेक्स्ट, फोटो, वीडियो, सड़कों और दुकानों पर लगे कैमरों से लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि इससे अपराध को कम किया जा सकता है। हालांकि एचआरडब्ल्यू का कहना है कि इन तरीकों से पुलिस को आम लोगों के बारे में जानबूझकर कुछ ज्यादा ही जानकारी प्राप्त करने की अनुमति दी गई है।
सोफी का कहना है कि ये आम नागरिकों की निजता का हनन है। इससे कुछ भी गोपनीय नहीं रह जाएगा। चीन का कानून भी नागरिकों के बारे में इतनी जानकारी इक्ट्ठा कर एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की इजाजत नहीं देता है। बता दें कि भारत में भी 'आधार' को बैंक अकाउंट और अन्य दस्तावेजों से लिंक कराने के फैसले पर बहस चल रही है।
Comments