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Showing posts from April, 2020
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देव दूत बने रोशन रतूड़ी   उत्तराखंड (जसवीर मनवाल ) तरक्की की चाह और मजबूत आर्थिक स्थिति के लिए हमारे नौजवान देश के विभिन्न प्रान्तों में ही नहीं अपितु विदेश की धरती पर भी अपने सपनों को साकार करने के लिए निकल पड़ते हैं। घर-परिवार से दूर रहकर अपने सपनों को तमाम खुशियां देने की उनकी इच्छा उनके इरादों को मजबूत करती है। माँ-बाप भी कलेजे पर पत्थर रख बेटे की उन्नति के लिए उसे अपने से दूर भेजने को राजी हो जाते हैं और फोन पर बात कर ही सन्तोष कर लेते हैं। आज ऐसे नौजवानों के कंधों पर पहाड़ की आर्थिकी निर्भर है, उनकी कमाई से न केवल उनका परिवार बल्कि गांव के अन्य छोटे व्यवसायी भी लाभान्वित होते हैं। जौनपुर, सकलाना के सेमवाल गांव से लगभग तीन वर्ष पूर्व ऐसा ही एक नौजवान कमलेश भट्ट पुत्र श्री हरि प्रसाद भट्ट भी  22 वर्ष की कम उम्र में घर से अपने परिवार की समृद्धि के लिए अबू-धाबी (दुबई) जा पहुंचा। वहां रहकर उसके सपने परवान चढ़ने लगे। पिछले ही वर्ष बहिन की शादी कार्यक्रम में वह घर पहुंचा था, फिर छुट्टी खत्म होने पर अपने कार्यस्थल पर पहुंच गया और मेहनत और लगन के साथ अपनी आंखों में सजाये सपनों की
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देव दूत बने रोशन रतूड़ी  उत्तराखंड (जसवीर मनवाल ) तरक्की की चाह और मजबूत आर्थिक स्थिति के लिए हमारे नौजवान देश के विभिन्न प्रान्तों में ही नहीं अपितु विदेश की धरती पर भी अपने सपनों को साकार करने के लिए निकल पड़ते हैं। घर-परिवार से दूर रहकर अपने सपनों को तमाम खुशियां देने की उनकी इच्छा उनके इरादों को मजबूत करती है। माँ-बाप भी कलेजे पर पत्थर रख बेटे की उन्नति के लिए उसे अपने से दूर भेजने को राजी हो जाते हैं और फोन पर बात कर ही सन्तोष कर लेते हैं। आज ऐसे नौजवानों के कंधों पर पहाड़ की आर्थिकी निर्भर है, उनकी कमाई से न केवल उनका परिवार बल्कि गांव के अन्य छोटे व्यवसायी भी लाभान्वित होते हैं। जौनपुर, सकलाना के सेमवाल गांव से लगभग तीन वर्ष पूर्व ऐसा ही एक नौजवान कमलेश भट्ट पुत्र श्री हरि प्रसाद भट्ट भी  22 वर्ष की कम उम्र में घर से अपने परिवार की समृद्धि के लिए अबू-धाबी (दुबई) जा पहुंचा। वहां रहकर उसके सपने परवान चढ़ने लगे। पिछले ही वर्ष बहिन की शादी कार्यक्रम में वह घर पहुंचा था, फिर छुट्टी खत्म होने पर अपने कार्यस्थल पर पहुंच गया और मेहनत और लगन के साथ अपनी आंखों में सजाये सपनों
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उत्तराखण्ड के कमलेश भट्ट का दिल्ली से वापस लौटाया गया शव, बीते दिनों दुबई में हुई थी मौत   टिहरी(जसवीर मनवाल ) देश की धरती पर आने के बावजूद वापस भेजा गया मृतक का शव, परिजन नहीं कर पाए अपने लाल के अंतिम दर्शन.. देश की राजधानी दिल्ली से एक बहुत ही हृदयविदारक खबर आ रही है। खबर है कि राज्य के एक मृतक युवक का शव दुबई से किसी तरह भारत की धरती पर पहुंचा परन्तु एयरपोर्ट पर मौजूद अधिकारियों ने उसे वापस लौटा दिया। शव वापस लौटाए जाने से मृतक के परिजनों को मायूस होकर घर वापस लौटना पड़ा। मामला राज्य के  टिहरी गढ़वाल  जिले के एक युवक कमलेश की मौत का है। बताया गया है कि  कमलेश  की बीते दिनों दुबई में संदिग्धावस्था में मौत हो गई थी, परिजनों ने सरकार से मृतक के शव की वतन वापसी की गुहार लगाई थी, परन्तु सभी अंतराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक के चलते सरकार कुछ नहीं कर सकी, दुबई में रहने वाले उत्तराखण्ड के सामाजिक कार्यकर्ता  रोशन रतूड़ी  के अथक प्रयासों से कमलेश का शव बीती रात दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों ने उस शव को यह कहकर वापस भेज दिया कि कोरोना वायरस के चलते सरकार ने विदेश से आने वाले
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Manu Bhaker  is an Indian olympian who plays airgun  shooting . She represented India at the 2018  ISSF World Cup  and won two gold medals. She is the youngest Indian to win a gold medal at the ISSF World Cup. [1] She won the gold medal in women's 10 m air pistol event at  2018 Commonwealth Games  just at the age of 16 in her maiden Commonwealth Games appearance. Manu Bhaker Personal information Born 18 Feb 2002(age  18) Goria village,  Jhajjar district ,  Haryana , India Occupation Sportsperson ( Shooter ) Medal record AD:JasveerManwal Representing    India Women's  shooting Event 1 st 2 nd 3 rd Olympic Games - - - World Cup 8 - - Youth Olympic Games 1 1 - Commonwealth Games 1 - - Asian Championships 2 - - Junior World Cup 3 1 - Total 15 2 0 ISSF World Cup Final 2019 Putian China 10m air pistol 2019 Putian China 10m air pistol mixed team ISSF World Cup 2018 Guadalajara 10 m air pistol 2018 Guadalajara 10 m air pistol mixed team 2019 New Delhi 1