टिहरी लोकसभा से किशोर उपाध्याय हो सकते हैं कांग्रेस के प्रत्याशी
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टिहरी लोकसभा से किशोर उपाध्याय हो सकते हैं कांग्रेस के प्रत्याशी
टिहरी संसदीय सीट पर किशोर की सक्रियता ये हैं परेशान
किशोर उपाध्याय के लोकसभा लड़ने का सपना इस बार होगा सच?
जसवीर मनवाल । |
देहरादून। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर कार्यकर्ता टिहरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। किशोर उपाध्याय ने भी इनकार नहीं करके कार्यकर्ताओं के हौसलों को उड़ान भर दी है। किशोर उपाध्याय ने कहा कि अगर पार्टी हाईकमान का आदेश हुआ तो वे मैदान में उतरेंगे। पार्टी ने अभी तक उन्हें जो भी आदेश दिया वे उसका पालन करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे तो सहसपुर से भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी के आदेश पर उन्होंने चुनाव लड़ा। गौरतलब है कि एक समय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के करीबी रहे किशोर उपाध्याय 1991 में लोकसभा चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करना चाहते थे। किन्हीं कारणों से ऐसा संभव हो नहीं पाया। इसके बाद किशोर संगठन को मजबूत करने में लगे रहे।
टिहरी रहा है किशोर का मजबूत किला
किशोर उपाध्याय को पहली बार विधानसभा पहुंचने का मौका साल 2002 में टिहरी विधानसभा सीट से मिला। खुशकिस्मती रही है कि राज्य गठन के बाद हुए इस पहले चुनाव में कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गई और किशोर उपाध्याय नारायण दत्त तिवारी सरकार में मंत्री बन गए। साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच भी टिहरी की जनता ने किशोर उपाध्याय पर भरोसा किया और वह फिर टिहरी से चुने गए। किशोर की काबिलियत को देखते हुए कांग्रेस आलाकमना ने 2014 में उन्हें उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। जिसको उन्होंने बखूभी संभाला। राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने और अध्यक्ष होने के नाते किशोर राज्यसभा जाने को इच्छुक थे। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया, जिसके बाद सियासी पारा भी काफी उफान पर रहा, लेकिन कांग्रेस आलाकमान पर भरोसा करने वाले किशोर ने कहा कि कहा कि शायद उनके लिए आलाकमान ने इससे बेहत्तर सोच रखा होगा। वह कांग्रेस की मजबूती के लिए हमेशा काम करते रहेंगे।
किशोर उपाध्याय को पहली बार विधानसभा पहुंचने का मौका साल 2002 में टिहरी विधानसभा सीट से मिला। खुशकिस्मती रही है कि राज्य गठन के बाद हुए इस पहले चुनाव में कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गई और किशोर उपाध्याय नारायण दत्त तिवारी सरकार में मंत्री बन गए। साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच भी टिहरी की जनता ने किशोर उपाध्याय पर भरोसा किया और वह फिर टिहरी से चुने गए। किशोर की काबिलियत को देखते हुए कांग्रेस आलाकमना ने 2014 में उन्हें उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। जिसको उन्होंने बखूभी संभाला। राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने और अध्यक्ष होने के नाते किशोर राज्यसभा जाने को इच्छुक थे। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया, जिसके बाद सियासी पारा भी काफी उफान पर रहा, लेकिन कांग्रेस आलाकमान पर भरोसा करने वाले किशोर ने कहा कि कहा कि शायद उनके लिए आलाकमान ने इससे बेहत्तर सोच रखा होगा। वह कांग्रेस की मजबूती के लिए हमेशा काम करते रहेंगे।
किशोर हो सकते हैं बेहत्तर प्रत्याशी साबित
किशोर उपाध्याय के करीबी लोगों की माने तो उपाध्याय के अध्यक्ष रहते हुए संगठन काफी सक्रिय था और कार्यकर्ताओं में जोश था। किशोर के करीबी लोगों ने दावा किया कि यदि किशोर उपाध्याय चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस की जीत तय है। किशोर उपाध्याय कांग्रेस के बेहतर प्रत्याशी साबित हो सकते हैं। सोशल मीडिया में भी आजकल किशोर के कामों की खूब चर्चाएं हो रहे हैं। विधायक रहते हुए उन्होंने जो काम किए वह सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं। टिहरी सीट पर किशोर की सक्रियता से कई दिग्गज परेशान हैं। उन्हें लगता है कि किशोर के लोकसभा चुनाव लड़ने से उनके समीकरण गड़बड़ा सकते हैं।
किशोर उपाध्याय के करीबी लोगों की माने तो उपाध्याय के अध्यक्ष रहते हुए संगठन काफी सक्रिय था और कार्यकर्ताओं में जोश था। किशोर के करीबी लोगों ने दावा किया कि यदि किशोर उपाध्याय चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस की जीत तय है। किशोर उपाध्याय कांग्रेस के बेहतर प्रत्याशी साबित हो सकते हैं। सोशल मीडिया में भी आजकल किशोर के कामों की खूब चर्चाएं हो रहे हैं। विधायक रहते हुए उन्होंने जो काम किए वह सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं। टिहरी सीट पर किशोर की सक्रियता से कई दिग्गज परेशान हैं। उन्हें लगता है कि किशोर के लोकसभा चुनाव लड़ने से उनके समीकरण गड़बड़ा सकते हैं।
मैं तो बहुत पहले से लोकसभा लड़ना चाहता हूं
लोकप्रिय साप्ताहिक समाचार पत्र दि संडे पोस्ट को दिए गए एक साक्षात्तकार में किशोर उपाध्याय ने कहा कि मैं तो बहुत पहले से लोकसभा लड़ना चाहता हूं। लेकिन पार्टी कहेगी तब। पार्टी को अभी कहना चाहिए, क्योंकि हमारे पास समय नहीं है। पार्टी के पास संसाधन नहीं हैं। इसलिए पार्टी जिसे टिकट देना चाहती है, उसे अभी से कह देना चाहिए। तभी उम्मीदवार तैयारी करेगा। अगर पार्टी मुझे कहेगी तो निश्चित रूप से मैं लडूंगा। यदि पार्टी मुझे चुनाव नहीं लड़वाती है तो किशोर उपाध्याय जिस तरह अपना चुनाव लड़ता उसी तरह से दूसरे प्रत्याशी को चुनाव लड़वाएगा। इसलिए अभी जरूरत है, राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ना। यदि हम एकजुट हो गए तो पांचों सीट आसानी से जीत सकते हैं। तीन-चार बिंदु ऐसे हैं, जिनका मोदी जी ने सिर्फ सपना दिखाया। किया कुछ नहीं।
सोशल मीडिया में वायरल हो रही किशोर के कामों की सूची
सुनील रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष आईटी विभाग के नाम से सोशल मीडिया में वायरल हो रही है यह सूची। इसमें लिखा गया है कि आज मुझे यह सब इसलिये लिखना पड़ रहा है कि कुछ लोग अपने निजी राजनीतिक स्वार्थों के लिये किशोर जी को कटघरे में खड़ा कर रहें हैं कि 10 साल तक उन्होंने क्या किया। किशोर जी ने अपनी विधानसभा के अलावा पूरे टिहरी जनपद में विकास की मजबूत बुनियाद रखी। किशोर जी ने साधारण विधायक रहते हुऐ इतने बड़े बड़े कार्य किये हैं जिनकी स्वीकृति की एक कॉपी हमारे पास उपलब्ध है। विधायक केवल अपनी विधानसभा का होता है लेकिन मंत्रीगण पूरे प्रदेश के होते हैं। और मंत्रीगण को कैबिनेट की बैठक में फैसला लेने और योजनाओं पर मुहर लगाने का पूर्ण अधिकार होता है बाकी फैसला आप तय करें, जनता से बड़ा जज कोई नहीं होता……….
आज यह सूक्ष्म जानकारी उन लोगों के लिये है जो बाजारों में कहते फिरते हैं कि 10 साल तक किशोर उपाध्याय जी ने क्या किया। किशोर जी एक बार अपनी सरकार में विधायक रहे और एक बार बी0जे0पी0 की सरकार में। मेरे पास जो आंकड़े और स्वीकृत योजनाओं की कॉपी है उनकी जानकारी टिहरी और उत्तराखंड की जागरूक जनता को बता रहा हु।…..
आज यह सूक्ष्म जानकारी उन लोगों के लिये है जो बाजारों में कहते फिरते हैं कि 10 साल तक किशोर उपाध्याय जी ने क्या किया। किशोर जी एक बार अपनी सरकार में विधायक रहे और एक बार बी0जे0पी0 की सरकार में। मेरे पास जो आंकड़े और स्वीकृत योजनाओं की कॉपी है उनकी जानकारी टिहरी और उत्तराखंड की जागरूक जनता को बता रहा हु।…..
1- नई टिहरी में केन्द्रीय विधालय की स्थापना (तब वे यहां राजनीति भी नहीं करते थे)
2- बौराड़ी हॉस्पिटल को जिला अस्पताल का दर्जा।
3- नई टिहरी में मंझोले ब्यापारियों (खोखा धारी) को टोकन देकर पक्की दुकाने आवंटित करवाई।
4- वर्ष 2002 में नई टिहरी की अत्याधुनिक पम्पिंग योजना का पुनर्गठन एवं पुनर्निर्माण, जिससे आज नई टिहरी की जनता शुद्ध पेयजल का लाभ ले रहे हैं। ज्ञात हो कि नई टिहरी में सिर्फ पेयजल को लेकर कर्मचारी संगठन एवं आम जनता दिन रात आंदोलित रहती थी।
5- नई टिहरी में सर्वाधिक विषयो से सुसज्जित नई टिहरी महाविद्यालय की स्थापना (ज्ञात हो कि इस महाविद्यालय के लिये छात्र संगठन और आम जनता आंदोलित रहती थी)
6- नई टिहरी में पॉलीटेक्निक कॉलेज की स्वीकृति।
7- नई टिहरी में एoआरoटीoओo कार्यालय की स्थापना।
8- जिलावार ऐशोo को 10 लाख की निधि देकर लाइब्रेरी और मीटिंग हॉल को सुसज्जित किया गया।
9- जाखणीधार में उप तहसील से पूर्ण तहसील की स्थापना।
10- नई टिहरी में आईoटीoआईo कॉलेज की स्थापना।
11- जाखणीधार में विधुत सब स्टेशन की स्थापना।
12- जाखणी धार के ब्लाक सभागार का भव्य निर्माण।
13- पौखाल, अगरोडा और नैखरी महाविद्यालयो की स्वीकृति में सराहनीय योगदान।
14- जाखणीधार के कपरैणी सैंण, राधूधार, भरेटीधार और टिपरी कनैलधार के हाईस्कूलों का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण।
15- टिहरी बिधानसभा के गांव गांव तक सड़कों का निर्माण।
16- सुरसिंग धार (चम्बा) में नर्सिंग कॉलेज की स्वीकृति।
17- भागीरथी पुरम (चम्बा) में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना।
18- चम्बा में हेमवन्ती नंदन बहुगुणा केंद्रीय बिश्वबिद्यालय की स्वीकृति।
19- चम्बा में श्रीदेव सुमन राज्य बिश्वबिद्यालय की स्वीकृति।
20- रानीचौरी (चम्बा) में वानिकी एवं औद्यानिकी बिश्वबिद्यालय की स्वीकृति, यह बिश्वबिधालय 3 माह तक कार्यरत रहा, किन्तु तत्कालीन मुख्यमंत्री निशंक जी इसे पौड़ी जनपद के भरसार ले गये। इस निर्णय से उद्वैलित किशोर उपाध्याय जी ने पहले उत्तराखंड विधानसभा के अंदर धरना दिया और फिर 14 दिन तक चम्बा स्थित वीर गब्बर सिंह जी के चरणों में आमरण अनशन किया।
21- कोटी कॉलोनी में पर्यटन स्पोर्ट्स कॉलेज की स्वीकृति।
22- टिहरी जनपद की चार अत्यंत महत्वपूर्ण पम्पिंग योजनाओं की स्वीकृति, जिसमें सारज्यूला, प्रतापनगर, रजाखेत और कोशियार ताल ग्राम समूह पम्पिंग योजना (इन योजनाओं पर देश के सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका सo 22894/2005 किशोर उपाध्याय बनाम भारत संघ व अन्य में आदेश किया था कि श्री किशोर उपाध्याय ने इन योजनाओं को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है इन पर शीघ्र काम किया जाय और इसके अतरिक्त पेयजल की जो भी समस्या है उसे दूर किया जाय)
23- टिहरी विधानसभा की 90% ग्रामों में Thdc की CSR मद से सामियाना, बर्तन, टैंट, कुर्सियां आदि का वितरण।
24- टिहरी बाँध बिस्थापितों एवं प्रभावितों के समुचित पुनर्वास व जनहित के पुलों, सड़कों, रोपवे आदि पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका SLP(C)NO22894/2005 किशोर उपाध्याय बनाम भारत संघ व अन्य में आदेश किया कि इन सभी योजनाओं पर शीघ्र काम किया जाय। जिस कारण आज घोंटी, डोबरा, और भल्डियाना के पुल बने व बन रहे हैं तथा टिपरी- मदननेगी, स्यांसू रोपवे का निर्माण हुआ।
25- किशोर जी ने नई टिहरी शहर में विधायक निधि से जो भी कार्य करवाये, उसकी कार्यदायी संस्था नगर पालिका परिषद को बनाये रखा। इसी प्रकार जाखणीधार, चम्बा, थौलधार की निधि उक्त विकासखण्डों को दी गयी। उसमें विधायक द्वारा कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। बल्कि उन संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों पर छोड़ दिया (जिससे जनहित के बहुत काम हुऐ। जिसमें बारातघर, मिलन केंद्र, यात्री शेड, ग्रामीण पेयजल योजनाओं का सुधारीकरण आदि आदि…)
26- टिपरी- रौडधार तक सड़क के चौड़ीकरण एवं डामरीकरण के लिये भारत सरकार से अपने सम्बधों के कारण सीधे 18 करोड़ की धनराशि अवमुक्त करवाई।
2- बौराड़ी हॉस्पिटल को जिला अस्पताल का दर्जा।
3- नई टिहरी में मंझोले ब्यापारियों (खोखा धारी) को टोकन देकर पक्की दुकाने आवंटित करवाई।
4- वर्ष 2002 में नई टिहरी की अत्याधुनिक पम्पिंग योजना का पुनर्गठन एवं पुनर्निर्माण, जिससे आज नई टिहरी की जनता शुद्ध पेयजल का लाभ ले रहे हैं। ज्ञात हो कि नई टिहरी में सिर्फ पेयजल को लेकर कर्मचारी संगठन एवं आम जनता दिन रात आंदोलित रहती थी।
5- नई टिहरी में सर्वाधिक विषयो से सुसज्जित नई टिहरी महाविद्यालय की स्थापना (ज्ञात हो कि इस महाविद्यालय के लिये छात्र संगठन और आम जनता आंदोलित रहती थी)
6- नई टिहरी में पॉलीटेक्निक कॉलेज की स्वीकृति।
7- नई टिहरी में एoआरoटीoओo कार्यालय की स्थापना।
8- जिलावार ऐशोo को 10 लाख की निधि देकर लाइब्रेरी और मीटिंग हॉल को सुसज्जित किया गया।
9- जाखणीधार में उप तहसील से पूर्ण तहसील की स्थापना।
10- नई टिहरी में आईoटीoआईo कॉलेज की स्थापना।
11- जाखणीधार में विधुत सब स्टेशन की स्थापना।
12- जाखणी धार के ब्लाक सभागार का भव्य निर्माण।
13- पौखाल, अगरोडा और नैखरी महाविद्यालयो की स्वीकृति में सराहनीय योगदान।
14- जाखणीधार के कपरैणी सैंण, राधूधार, भरेटीधार और टिपरी कनैलधार के हाईस्कूलों का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण।
15- टिहरी बिधानसभा के गांव गांव तक सड़कों का निर्माण।
16- सुरसिंग धार (चम्बा) में नर्सिंग कॉलेज की स्वीकृति।
17- भागीरथी पुरम (चम्बा) में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना।
18- चम्बा में हेमवन्ती नंदन बहुगुणा केंद्रीय बिश्वबिद्यालय की स्वीकृति।
19- चम्बा में श्रीदेव सुमन राज्य बिश्वबिद्यालय की स्वीकृति।
20- रानीचौरी (चम्बा) में वानिकी एवं औद्यानिकी बिश्वबिद्यालय की स्वीकृति, यह बिश्वबिधालय 3 माह तक कार्यरत रहा, किन्तु तत्कालीन मुख्यमंत्री निशंक जी इसे पौड़ी जनपद के भरसार ले गये। इस निर्णय से उद्वैलित किशोर उपाध्याय जी ने पहले उत्तराखंड विधानसभा के अंदर धरना दिया और फिर 14 दिन तक चम्बा स्थित वीर गब्बर सिंह जी के चरणों में आमरण अनशन किया।
21- कोटी कॉलोनी में पर्यटन स्पोर्ट्स कॉलेज की स्वीकृति।
22- टिहरी जनपद की चार अत्यंत महत्वपूर्ण पम्पिंग योजनाओं की स्वीकृति, जिसमें सारज्यूला, प्रतापनगर, रजाखेत और कोशियार ताल ग्राम समूह पम्पिंग योजना (इन योजनाओं पर देश के सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका सo 22894/2005 किशोर उपाध्याय बनाम भारत संघ व अन्य में आदेश किया था कि श्री किशोर उपाध्याय ने इन योजनाओं को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है इन पर शीघ्र काम किया जाय और इसके अतरिक्त पेयजल की जो भी समस्या है उसे दूर किया जाय)
23- टिहरी विधानसभा की 90% ग्रामों में Thdc की CSR मद से सामियाना, बर्तन, टैंट, कुर्सियां आदि का वितरण।
24- टिहरी बाँध बिस्थापितों एवं प्रभावितों के समुचित पुनर्वास व जनहित के पुलों, सड़कों, रोपवे आदि पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका SLP(C)NO22894/2005 किशोर उपाध्याय बनाम भारत संघ व अन्य में आदेश किया कि इन सभी योजनाओं पर शीघ्र काम किया जाय। जिस कारण आज घोंटी, डोबरा, और भल्डियाना के पुल बने व बन रहे हैं तथा टिपरी- मदननेगी, स्यांसू रोपवे का निर्माण हुआ।
25- किशोर जी ने नई टिहरी शहर में विधायक निधि से जो भी कार्य करवाये, उसकी कार्यदायी संस्था नगर पालिका परिषद को बनाये रखा। इसी प्रकार जाखणीधार, चम्बा, थौलधार की निधि उक्त विकासखण्डों को दी गयी। उसमें विधायक द्वारा कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। बल्कि उन संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों पर छोड़ दिया (जिससे जनहित के बहुत काम हुऐ। जिसमें बारातघर, मिलन केंद्र, यात्री शेड, ग्रामीण पेयजल योजनाओं का सुधारीकरण आदि आदि…)
26- टिपरी- रौडधार तक सड़क के चौड़ीकरण एवं डामरीकरण के लिये भारत सरकार से अपने सम्बधों के कारण सीधे 18 करोड़ की धनराशि अवमुक्त करवाई।
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