विवादों के घेरे में आ गई खेल पुरस्कार प्रक्रिया


देहरादून। प्रदेश में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर दिए जाने वाले खेल पुरस्कारों के लिए भले ही अभी नामों का चयन नहीं हुआ है लेकिन यह प्रक्रिया अभी से विवादों के घेरे में आ गई है। आरोप लग रहे हैं कि नियमों को ताक पर रखते हुए द्रोणाचार्य पुरस्कार देने की तैयारी चल रही है।
प्रदेश में प्रतिवर्ष दिए जाने वाले खेल पुरस्कार विवादों के घेरे में रहे हैं। बीते वर्ष राज्य में सेवाएं न देने और प्रतिभाग न करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार दिए जाने पर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद सरकार ने कहा था कि पुरस्कार उन्हीं को दिए जाएंगे जो मानकों पर खरे उतरेंगे। इस बार भी खेल पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। इनमें से कई आवेदन ऐसे थे जो मानक पूरे नहीं कर रहे थे। मसलन जिसके पास खेल संघ का प्रमाणपत्र नहीं था उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया। 
अब सूत्रों की मानें तो कुछ पुरस्कारों के लिए ऐसे लोगों का नाम पैनल में शामिल किया जा रहा है जिनके पास किसी भी खेल संघ का प्रमाणपत्र नहीं है। इससे आवेदकों में खासा आक्रोश है। चर्चा यह भी है कि राजनीतिक दबाव में यह कदम उठाया जा रहा है। हालांकि, विभाग ने अभी पुरस्कारों की घोषणा नहीं की है लेकिन जिस तरह से चर्चाओं का बाजार गर्म है उसे देखकर यही लग रहा है कि इस बार भी खेल पुरस्कार विवादों से अछूते नहीं रहेंगे।

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