उत्तराखंड में वाइल्ड लाइफ बोर्ड का गठन
देहरादून। लंबे इंतजार के बाद सरकार ने राज्य में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के लिए सभी नाम फाइनल कर लिए हैं। इस मर्तबा तीन गैर सरकारी संस्थाओं हार्क, हेस्को व तितली ट्रस्ट के प्रतिनिधियों को बोर्ड में जगह दी गई है। मुख्यमंत्री ने भी बोर्ड के गठन को अनुमोदन दे दिया है और अब वन मंत्री के दस्तखत होने के बाद दो-तीन दिन में शासन द्वारा बोर्ड की अधिसूचना निर्गत कर दी जाएगी।
71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में वाइल्ड लाइफ बोर्ड खासा महत्व रखता है। वन क्षेत्र से गुजरने वाली किसी भी योजना के लिए वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े प्रस्तावों पर हरी झंडी देने के साथ ही वन एवं वन्यजीवों से जुड़े मसलों में बोर्ड की भूमिका खासी अहम है। बावजूद इसके वाइल्ड लाइफ बोर्ड को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था। अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इस साल फरवरी में बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने के बाद यह गठन की बाट जोह रहा था।
लंबे इंतजार के बाद अब जाकर मौजूदा सरकार ने बोर्ड का गठन कर लिया है। बोर्ड में मुख्यमंत्री अध्यक्ष, वन मंत्री उपाध्यक्ष होते हैं, जबकि वन समेत अन्य महकमों के अधिकारी, विषय विशेषज्ञ, एनजीओ के प्रतिनिधि इसके सदस्य बनाए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड के लिए सभी सदस्यों के नाम फाइनल होने के बाद मुख्यमंत्री ने भी बोर्ड के गठन का अनुमोदन कर दिया है। अलबत्ता, अभी फाइल में वन मंत्री के दस्तखत होने बाकी हैं। उधर, इस बारे में पूछने पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने कहा कि दो-तीन दिन में बोर्ड के अधिसूचना जारी हो जाएगी।
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