फर्जी शिक्षकों को नौकरी देने वाले अधिकारियों को बचाने का खेल

देहरादून। फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों को नौकरी देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की रिपोर्ट विभाग के अफसरों ने ही दबा दी है। एसआइटी की संस्तुति के बाद अभी तक एक भी मामले में नियुक्ति देने और दस्तावेजों का सत्यापन कराने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। 
शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों को नौकरी देने में अधिकारियों की भी कम मिलीभगत नहीं है। इस मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा करने के बाद एसआइटी ने नियुक्ति अधिकारी और दस्तावेजों का सत्यापन, रख-रखाव वालों को भी जिम्मेदार माना है। एसआइटी ने हर्रावाला स्थित अशासकीय जूनियर स्कूल, हरिद्वार के 12 राजकीय प्राथमिक स्कूल, नेहरू जूनियर विद्यालय, ऊधमसिंहनगर आदि के फर्जी शिक्षकों के मामले में दी गई मुकदमे की संस्तुति में तत्कालीन अधिकारियों को भी जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमे के साथ विभागीय जांच की रिपोर्ट दी गई है। मगर अब तक डोईवाला, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में हुए मुकदमों में एक भी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। इससे साफ है कि शिक्षा विभाग इन अधिकारियों को बचा रहा है। हद तो यह है कि एसआइटी ने डिग्री आमन्य होने से लेकर अन्य प्रमाणों के साथ ऐसे अधिकारियों की मिलीभगत को अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है। मगर, कार्रवाई के नाम पर रिपोर्ट दबा दी गई है। 
महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने बताया कि एसआइटी की रिपोर्ट में तत्कालीन नियुक्ति अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे की संस्तुति की गई। इस संबंध में जिलों को स्पष्ट आदेश दिए गए कि जो भी दोषी अधिकारी हैं, उनके खिलाफ तत्काल मुकदमे की कार्रवाई की जाए। रिपोर्ट दबाने तथा आदेश न मानने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। 
वहीं एएसपी और प्रभारी एसआइटी श्वेता चौबे ने बताय कि फर्जीवाड़े में पकड़े गए 20 से ज्यादा शिक्षकों के मुकदमे में तत्कालीन नियुक्ति अधिकारियों के खिलाफ भी संस्तुति दी गई। अलग से भी रिपोर्ट भेजी गई है। मगर, अभी तक एक भी अधिकारी के खिलाफ विभाग ने नामजद रिपोर्ट दर्ज नहीं की है।  

Comments

Popular posts from this blog

रणजी ट्रॉफी में बागेश्वर के लाल का हुआ चयन, जिले में खुशी की लहर

अफगानिस्तान-बांग्लादेश के T20 मुकाबले के बाद देहरादून में क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक और बड़ी खबर