डैशबोर्ड को लेकर गंभीर नजर आ रही है सरकार


देहरादून। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड को लेकर सरकार बेहद गंभीर नजर आ रही है। सरकार के निर्देशों पर शासन ने स्पष्ट किया है कि इस डैश बोर्ड में विभाग के समन्वयक के रूप में जुड़ने वाला कोई भी अधिकारी अपर सचिव स्तर से नीचे का नहीं होगा। यानी, अपर सचिव व इसे ऊपर स्तर के अधिकारी ही विभागों से संबंधित बातों के लिए सीधे जवाबदेह होंगे। इन अधिकारियों पर ही अपने विभाग का डाटा साइट पर अपडेट करने की जिम्मेदारी रहेगी।   
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री डैशबोर्ड बनाने का निर्णय लिया गया था। इसका मकसद यह कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने कार्यालय में ही डैशबोर्ड से ही सभी विभागों और जिलों की समीक्षा करेंगे। इसमें विशेष यह था कि इस प्रणाली में सरकार की प्राथमिकताओं, उपलब्धियों, फ्लैगशिप कार्यक्रम, विभागों की परफॉरमेंस की स्टार रेटिंग और चैट बोर्ड रखा गया है।
यानी इसमें सचिवालय से लेकर जिलों तक के विभागों पर सीधे मुख्यमंत्री की नजर रहेगी। इसमें किसी ने लापरवाही बरती तो खुद मुख्यमंत्री उस पर कड़ी कार्यवाही कर सकेंगे। सीएम डैशबोर्ड के लिए सॉफ्टवेयर एनआइसी व आइटीडीए ने विकसित किया है। इस सॉफ्टवेयर में जिलों, ब्लॉक और गांवों से एकत्र डाटा रखा जाएगा। हर विभाग में एक समन्वयक तैनात किया जाएगा।
इनकी जिम्मेदारी अपने विभागों से संबंधित डाटा अपडेट करने की रहेगी। इस पर दैनिक व मासिक आधार पर कार्यों का आंकलन किया जाएगा। इसका एक ग्राफ भी बनेगा। विभागवार डाटा में कार्य की भौतिक व वित्तीय प्रगति की रिपोर्ट रहेगी। इस रिपोर्ट में कुछ गलत पाया गया तो उच्चाधिकारी के पास ऑटोमेटेड एसएमएस चला जाएगा। इससे संबंधित की जिम्मेदारी तय हो सकेगी। 
मुख्यमंत्री की इस योजना को आगे बढ़ाते हुए अब मुख्य सचिव ने सभी विभागों को पत्र जारी किया है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि कोई भी विभाग अपर सचिव से निचले स्तर का अधिकारी समन्वयक के रूप में तैनात नहीं करेगा। उन्होंने सभी विभागों से जल्द समन्वयकों की सूची शासन को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। 

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