Skip to main content


पिता चलाते हैं चाय की दुकान अब बेटी उड़ाएगी लड़ाकू विमान


न्यूज  ब्यूरो, नई दिल्ली (22 जून): कहते हैं कि अगर इंसान चाहे तो उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है या फिर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। मध्य प्रदेश के छोटे से शहर नीमच की रहने वाली एक चायवाले की बेटी ने वह कारनामा कर दिखाया है जो देश की दूसरी बेटियों के लिए एक मिसाल है।
चाय बेचकर घर-परिवार को चलाने वाले पिता सुरेश गंगवाल ने बेटी आंचल का आसमान छूने के सपने को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। आंचल गंगवाल का चयन एयरफोर्स की फ्लाइंग ब्रांच में हुआ है। देशभर से करीब 6 लाख युवक-युवतियां इस परीक्षा में शामिल हुए, जिसमें आंचल प्रदेश से अकेली थी जिसमें चयनित 22 लोगों में अपनी जगह बनाई। चुने गए 22 परीक्षार्थियों में 5 लड़कियां हैं। इनमें भी नीमच की आंचल मध्यप्रदेश से चयनित होने वाली एकमात्र उम्मीदवार हैं। सेना के कामों से प्रभावित आंचल लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़कर 30 जून को एक साल की ट्रेनिंग के लिए जाएंगी। इसके बाद वे भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान उड़ाएंगी। आंचल ने इस टेस्ट की तैयारी इंदौर में रहकर की है। 
आंचल बताती हैं कि जब 12वीं की पढ़ाई कर रही थी, तब उत्तराखंड में बाढ़ आई थी। उस दौरान सेना ने जिस साहस से लोगों की जान बचाई, तभी से तय कर लिया कि वे भी कुछ ऐसा ही करेंगी। ग्रेजुएशन के दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। इस दौरान व्यापमं के जरिये लेबर इंस्पेक्टर के रूप में सिलेक्शन हुआ। फिलहाल मंदसौर में लेबर इंस्पेक्टर के तौर पर काम कर रही हूं। आंचल परिवार में पहली लड़की हैं, जो सुरक्षा सेवाओं में जाएंगी।
आंचल ने पांच बार एसएसबी इंटरव्यू फेस किया, लेकिन कामयाबी छठी बार में मिली। पांच दिन तक चलने वाले इंटरव्यू में स्क्रीनिंग के बाद साइकोलॉजिकल टेस्ट और ग्राउंड टेस्ट के साथ पर्सनल इंटरव्यू होता है। प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क, कमांड टास्क, सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट के जरिये फिजिकल और मेंटल स्ट्रेंथ भी परखी जाती है। अंत में मेडिकल होता है।

Comments

Popular posts from this blog

रणजी ट्रॉफी में बागेश्वर के लाल का हुआ चयन, जिले में खुशी की लहर

अफगानिस्तान-बांग्लादेश के T20 मुकाबले के बाद देहरादून में क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक और बड़ी खबर