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खबर इंडिया
बड़ा खुलासा -: मत्स्य विभाग के अफसरों ने घर बैठे पाई MSC की डिग्री
अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाए विजिलेंस रिपोर्ट पर कुंडली मार के बैठ गई सरकार
बड़ा खुलासा -: मत्स्य विभाग के अफसरों ने घर बैठे पाई MSC की डिग्री
अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाए विजिलेंस रिपोर्ट पर कुंडली मार के बैठ गई सरकार
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात कहने वाली भाजपा राज में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद पूरे राज्य में हडकंप मच गया है। इस खुलासे के तहत मत्स्य विभाग के 14 उच्च अधिकारियों ने सरकार से प्रमोशन सहित अन्य लाभ पाने के लिए घर बैठे ही एमएससी जूलॉजी की डिग्री पा ली। बिना प्रैक्टिकल दिए तमिलनाड़ु और राजस्थान के विश्वविद्यालयों के हरियाणा में संचालित केंद्रों से डिग्री धारक बन गए। जिन वर्षों में इन अधिकारियों ने डिग्री हासिल की है, उस अरसे के दौरान दोनों यूनिवर्सिटी के केंद्रों को हरियाणा सरकार की मान्यता ही नहीं थी। न ही अधिकारियों ने सरकार से डिग्री करने के लिए मंजूरी ली। मामला तो बरसों पुराना है, लेकिन विजिलेंस ने तीन वर्ष की जांच के बाद सरकार को दो महीने पहले अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी थी।
चंडीगढ़। फर्जी डिग्री के आधार पर सरकार से लाभ लेने की कोशिश, खुलासे के तहत मत्स्य विभाग के 14 उच्च अधिकारियों ने सरकार से प्रमोशन सहित अन्य लाभ पाने के लिए घर बैठे ही एमएससी जूलॉजी की डिग्री पा ली। तीन वर्ष की जांच के बाद हरियाणा सरकार इन अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाए रिपोर्ट को दबाकर बैठ गई है। डीजी विजिलेंस पीआर देव ने जांच रिपोर्ट में सरकार से सभी 14 अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी 420 और 511 के तहत मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। साथ ही सलाह दी है कि मत्स्य विभाग का कोई और अधिकारी-कर्मचारी इस तरह के मामले में संलिप्त है, या फर्जी डिग्री के आधार पर सरकार से लाभ लेने की कोशिश की है, या फिर लाभ दिलाने में शामिल है, तो उसे भी मामला दर्ज होने पर जांच में शामिल किया जा सकता है।
हालांकि, विभाग से कोई भी लाभ नहीं मिला
मत्स्य विभाग के 14 उच्च अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने विनायक मिशन यूनिवर्सिटी सलेम तमिलनाडु और आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी राजस्थान के अवैध पढ़ाई केंद्रों से अनुचित लाभ लेने की मंशा से एमएससी जूलॉजी की डिग्रियां प्राप्त की हैं। हालांकि, विभाग से कोई भी लाभ नहीं मिला।
मत्स्य विभाग के 14 उच्च अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने विनायक मिशन यूनिवर्सिटी सलेम तमिलनाडु और आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी राजस्थान के अवैध पढ़ाई केंद्रों से अनुचित लाभ लेने की मंशा से एमएससी जूलॉजी की डिग्रियां प्राप्त की हैं। हालांकि, विभाग से कोई भी लाभ नहीं मिला।
यूजीसी के अनुसार नुसार दूरस्थ केंद्रों को 2012 के बाद मान्यता नहीं
मत्स्य पालन विभाग में प्रमोशन के लिए एमएससी जूलॉजी की डिग्री होना जरूरी है। विजिलेंस ने जांच में पाया है कि आरोपी अफसरों ने बीएससी और एमएससी जूलोजी की डिग्री विनायक मिशन डीम्ड यूनिवर्सिटी तमिलनाडु और आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी राजस्थान के दूरस्थ केंद्रों से हासिल की। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पत्र अनुसार विनायक यूनिवर्सिटी डीम्ड यूनिवर्सिटी है। इसके दूरस्थ शिक्षा केंद्र चलाने की मान्यता सिर्फ 2012 तक ही दी गई थी।
मत्स्य पालन विभाग में प्रमोशन के लिए एमएससी जूलॉजी की डिग्री होना जरूरी है। विजिलेंस ने जांच में पाया है कि आरोपी अफसरों ने बीएससी और एमएससी जूलोजी की डिग्री विनायक मिशन डीम्ड यूनिवर्सिटी तमिलनाडु और आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी राजस्थान के दूरस्थ केंद्रों से हासिल की। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पत्र अनुसार विनायक यूनिवर्सिटी डीम्ड यूनिवर्सिटी है। इसके दूरस्थ शिक्षा केंद्र चलाने की मान्यता सिर्फ 2012 तक ही दी गई थी।
इन केंद्रों पर प्रैक्टिकल की व्यवस्था ही नहीं
कई अफसरों ने इस अवधि से हटकर डिग्री हासिल की। इसी तरह से राजस्थान की यूनिवर्सिटी का कोई भी सेंटर हरियाणा में नहीं चलाया जा सकता। ऐसे में यहां से डिग्री हासिल करने वालों की डिग्री का कोई मतलब नहीं है। इन केंद्रों पर प्रैक्टिकल की व्यवस्था ही नहीं थी।
कई अफसरों ने इस अवधि से हटकर डिग्री हासिल की। इसी तरह से राजस्थान की यूनिवर्सिटी का कोई भी सेंटर हरियाणा में नहीं चलाया जा सकता। ऐसे में यहां से डिग्री हासिल करने वालों की डिग्री का कोई मतलब नहीं है। इन केंद्रों पर प्रैक्टिकल की व्यवस्था ही नहीं थी।
एसीएस बोले, नियमानुसार करेंगे कार्रवाई
मत्स्य पालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके महापात्रा ने कहा कि डीजी विजिलेंस की जांच रिपोर्ट संबंधी फाइल उनके पास नहीं पहुंची है। फाइल आने पर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सिफारिश अनुसार कार्रवाई करेंगे।
E-mail :jassi.ukreporterind@gmail.com www.uttarakhandaajtak.com
मत्स्य पालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके महापात्रा ने कहा कि डीजी विजिलेंस की जांच रिपोर्ट संबंधी फाइल उनके पास नहीं पहुंची है। फाइल आने पर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सिफारिश अनुसार कार्रवाई करेंगे।
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