आरोप:सीएम की पत्नी शिक्षिका सुनीता रावत सिर्फ हाईस्कूल पास, की जाए वेतन की रिकवरी:सुभाष शर्मा



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देहरादून।By:JasveerSingh:-सामाजिक कार्यकर्ता व सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सुभाष शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की शिक्षिका पत्नी सुनीता रावत सिर्फ हाईस्कूल पास हैं। उन्होंने कहा कि जब से वह नौकरी कर रही है तब से लेकर आज तक उनके वेतन की रिकवरी की जाये
प्रदेश सरकार के मुखिया को अब जीरो टाॅलरेंस के नारे को पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए। कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगें, सुरक्षा की उन्हें कोई जरूरत नहीं है। उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुभाष शर्मा ने कहा कि 21 दिन पूर्व उन्होंने प्रदेश सरकार के मुखिया को चुनौती दी है और अगर उनकी चुनौती गलत होती तो आज वह सलाखों के पीछे होते।
सुभाष शर्मा  का कहना है कि 22 वर्षों से सुनीता रावत गलत प्रमाण पत्रों के माध्यम से शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही है। भाजपा की सरकारें आई और उनके द्वारा लाभ लिया गया। उनका कहना है कि हाईस्कूल करने के बाद मध्यमा व उसके बाद शास्त्री का सर्टिफिकेट हासिल किया और बाद में किसी संस्थान से बीएड किया।
उनका कहना है कि बीएड करने के बाद 2006 में एलटी ग्रेड में प्रोन्नति ले ली जो आज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अजबपुर कलां में कार्यरत है और इस मामले की जांच की जानी चाहिए। उनका कहना है कि जब आरटीआई के तहत रिपोर्ट मांगी गई तो एक पैरे में लिखा गया है कि यह व्यक्तिगत है और जिसका उल्लेख नहीं किया जा सकता है।
सरकारी नौकरी में कार्यरत कोई भी व्यक्तिगत नहीं हो सकता
आज तक इस ओर किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया गया और मात्र इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक इसी प्रकार के केस में आदेश दिया कि सरकारी नौकरी में कार्यरत कोई भी व्यक्तिगत नहीं हो सकता है और उसे जानकारी देनी ही पडेगी लेकिन यहां पर इसका अनुपालन नहीं किया गया है।
उनका कहना है कि लगातार जीरो टाॅलरेंस की बात की जा रही है लेकिन जीरों टाॅलरेंस है क्यां, प्रदेश के मुखिया स्वयं ही अपने घर में घिरे हुए है और पात्र लोगों के साथ दुव्र्यवहार किया जा रहा है और इस मामले को लेकर एक पत्र डीआईजी एसआईटी को भी दी गई है और अनुरोध किया गया है जिस प्रकार से 46 शिक्षकों की जांच की गई है उसी प्रकार इस जांच को भी किया जाये और शीघ्र ही इसमें तेजी लाई जाये।
सुभाष शर्मा का कहना है कि वह लगातार कह रहे है कि सुनीता रावत के प्रमाण पत्र फर्जी है और वह उनके साथ व्यक्तिगत वैमनस्य नहीं रखते है और उनका बड़ा आदर करते है। उनका कहना है कि अगर उनके आरोप झूठे हुए तो वह पैर छूकर माफी मांग लेंगें, लेकिन जब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं होती है वह लगातार इसके उठाते रहेंगें।
इस मामले में सीएम का हस्तक्षेप है ओर कुछ अधिकारी मिले है जो सही जानकारी को सार्वजनिक नहीं होने देना चाह रहे है। उनका कहना है कि मांगी गई सूचना असंवैधानिक रूप से रोका गया है और दूसरी बाद सूचना मांगी गई है। उनका कहना है कि शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के साथ जीरो टाॅलरेंस के साथ दुव्र्यवहार किया गया।
सुनीता रावत को अपना संदेह भी दूर करना चाहिए
शिक्षिका सुनीता रावत को अपना संदेह भी दूर करना चाहिए और नियुक्ति से लेकर अब तक की नौकरी से मिले वेतन की रिकवरी की जानी चाहिए। उनका कहना है कि इस मामले की एसआईटी से जांच नहीं होती है तो वह कोर्ट की शरण लेंगें।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया जा रहा है और जिस प्रकार से विधानसभा रिस्पना नदी में बनी हुई है और पुश्ते पीछे गये है। पहले विधानसभा को तोडने की कार्यवाही की जानी चाहिए और उसके बाद बस्ती उजाड़ने का काम किया जाना चाहिए वह स्वयं ही बस्तीवासियों से हटने का अनुरोध करेंगें।
उनका कहना है कि अधिकारी 1938 के नक्शे को आधार मान रही है और अब तक जितने अधिकारी थे जिन्होंने नक्शा पास किया है उन पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए और अतिक्रमण के नाम पर लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है, अतिक्रमण की कार्यवाही विधानसभा से शुरू करते हुए फिर अन्य सरकारी भवनो में की जाये।
सच्चाई उजागर करने में जान भी जाये तो कोई परवाह नहीं है और सुरक्षा की भी जरूरत नहीं है और भ्रष्टाचार के खिलाफ आखिरी दम तक लडूंगा। सुनीता रावत पाक साफ है तो चरण छूकर माफी मांग लूंगा। उनका कहना है कि कांग्रेस नेताओं की पत्नियां भी ऐसे ही दौर से गुजर रही है जिससे वह सामने नहीं आ रहे है।

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