देहरादून वालो को 24 घण्टे मिलेगा अब पानी जाने कब से? ओर पहाड़ वालो के लिए सीएम त्रिवेन्द्र की ये सौगात ,







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देहरादून वालो को 24 घण्टे मिलेगा अब पानी जाने कब से? ओर पहाड़ वालो के लिए सीएम त्रिवेन्द्र की ये सौगात ,

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रस्तावित सौंग बांध पेयजल योजना का स्थलीय निरीक्षण किया
1100 करोड़ रूपये से बनेगा बनेगा सौंग बांध।
सौंग बांध के निकट के क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जायेगा।

बांध परियोजना से प्रभावित परिवारों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सौंधना गांव में प्रस्तावित सौंग बांध पेयजल योजना का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार दूरगामी सोच के साथ काम कर रही है। बढ़ते जनसंख्या दबाव में शहरों में पानी की कमी की समस्या के समाधान के लिए दीर्घकालीन उपायों पर काम किया जा रहा है। 1100 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली सौंग बांध परियोजना पूरे देहरादून जिले को चौबीस घण्टे पानी उपलब्ध करवाएगी। इससे 100 करोड़ रूपये का बिजली का खर्च बचेगा। इस साढे़ चार किलोमीटर लम्बे व 128 मीटर ऊंचे बांध के आस-पास के क्षेत्रों को पर्यटन के रूप में विकसित किया जायेगा। इस परियोजना को 350 दिनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
सौंग परियोजना द्वारा रायपुर क्षेत्र तक ग्रेविटी बेस्ट पानी की आपूर्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम दीर्घकालीन व सस्टेनेबल समाधान की ओर बढ़ रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौंग बांध क्षेत्र को पर्यटन वैली के रूप में विकसित किया जायेगा। इस क्षेत्र में 20-25 पनचक्कियों का क्लस्टर भी बनाया जायेगा। इस बांध परियोजना की भारत सरकार के स्तर पर भी सराहना की गई है कि यह देश के लिए एक माॅडल परियोजना हैं। सौंग बांध निर्माण में ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जिसके तहत बरसात के दिनो को छोड़कर इसमें निरन्तर काम चलेगा। यह बांध व झील पर्यटन आकर्षण का नया केन्द्र बनेगा। स्थानीय लोगों को अच्छे रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने सचिव सिंचाई एवं सचिव वित्त को निर्देश दिये कि सौंग बांध परियोजना के प्रभावित परिवारों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाय। इस अवसर पर प्रमुख अभियन्ता सिंचाई ए.के. दिनकर द्वारा सौंग बांध परियोजना की तैयारियों को लेकर चल रहे टेस्टिंग कार्य व सर्वे कार्यो की जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर गढ़वाल विकास निगम के अध्यक्ष महावीर सिंह रागड़, देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, सचिव सिंचाई डाॅ.भूपेन्द्र कौर औलख, सचिव वित्त अमित नेगी, जिलाधिकारी देहरादून एस.ए मुरूगेशन व जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल श्रीमती सोनिका आदि उपस्थित थे।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाईन निर्माण से लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरीः मुख्यमंत्री
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के निर्माण से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास की राह भी होगी प्रशस्तःमुख्यमंत्री
जानकी झूलापुल का निर्माण समयबद्धता से किया जाएः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुनि की रेती ऋषिकेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माणाधीन जानकी सेतु, रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन परियोजना एवं नमामि गंगे योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। 
सर्वप्रथम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुनि की रेती ऋषिकेश में बनाए जा रहे जानकी झूलापुल का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जानकी झूलापुल का निर्माण समयबद्धता से किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुम्भ से पूर्व इस पुल का निर्माण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस पुल के निर्माण से 2021 में होने वाले कुंभ मेले में बहुत सहायता मिलेगी। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस झूलापुल का निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जानकी सेतु का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। इस झूलापुल की चोड़ाई भी बढ़ाई गई है। इस पुल का निर्माण कार्य लगभग एक वर्ष में पूर्ण होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन निर्माण से लोगों की वर्षों पुरानी मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा करने का जो संकल्प लिया है वह निश्चित रूप से पूरा होगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच रेल लाईन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जबकि चारधाम सम्पर्क के फाइनल लोकेशन सर्वे का कार्य प्रगति पर है। इससे राज्य में पर्यटकों व तीर्थ यात्रियों का आवागमन बढ़ने के साथ ही उन्हें सुविधा भी होगी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के निर्माण से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास की राह भी प्रशस्त होगी। इस योजना के पूर्ण होने से उत्तराखण्ड के पर्यटन में बहुत बदलाव आएगा।
मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अन्तर्गत ऋषिकेश इन्टरसेप्शन एण्ड डायवर्जन एवं एस0टी0पी0 योजना का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कार्य की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण से शहर की बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण सीवेज समस्याओं से निजात मिलेगी। इस अवसर पर बताया गया कि लक्कड़ घाट पर 26 एमएलडी क्षमता के एसटीपी प्लांट के कार्यो की प्रगति 25 है, जिसके कार्य माह अगस्त 2019 में पूर्ण हो जाएंगे। राइजिंग मेन का कार्य भी प्रगति पर है, 1.5 किमी में से 600 मीटर राइजिंग मेन बिछाई जा चुकी है। 13.5 किमी लंबी ग्रेविटी सीवर में से 200 मीटर लाइन बिछाई जा चुकी है। सीवेज पंपिंग स्टेशन का कार्य माह अगस्त 2019 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

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