नगर निगम के बुलडोज़र ने ढहाया दलित परिवार का आशियाना, पीड़ित कर रहे इंसाफ की माँग
देहरादून। प्रत्येक व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना एक आशियाना हो। इस सपने को पूरा करने के लिए इंसान पाई-पाई जोड़कर व तिनका-तिनका समेटकर अपना घरौंदा बनाता है। यदि उस इंसान के सामने ही कोई उसका घर उजाड़ दे तो सोचिए उस शख्स पर क्या गुज़रेगी। ऐसा ही एक मंज़र देहरादून में देखने को मिला जहाँ नगर निगम के बुलडोजर ने एक इंसान का घर गिरा दिया और वो बेबस चुपचाप अपनी बर्बादी का तमाशा देखने के सिवा कुछ न कर सका।
गौरतलब है कि मंगलवार को बगैर कोई पूर्व सूचना दिए नगर निगम की टीम ने एक आशियाना ढहा दिया। पीड़ित परिवार टीम के आगे ऐसा न करने की गुज़ारिश करता रहा किंतु निगम कर्मियों ने उनकी एक न सुनी और मकान ध्वस्त करते चले गए। यही नहीं मकान ध्वस्त करने के बाद निगम की टीम मकान की खिड़कियां और दरवाजे की उठा ले गयी। अब पीड़ित परिवार इन्साफ की गुहार लगा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार पटेलनगर थाना क्षेत्र में कोतवाली पटेल नगर के ठीक सामने अरुण कुमार का मकान है, जो उन्होंने 2003 में ज़मीन खरीदकर बनाया था। मकान स्वामी के अनुसार यह मकान पहले से भरी हुई बुनियाद पर बनाया गया था। मकान स्वामी के अनुसार उनके पास जमीन की रजिस्ट्री के सभी कागज़ात मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि म्यूटेशन के समय क्षेत्र के पटवारी द्वारा पता चला कि बंदोबस्ती सर्वे के समय खसरा नम्बरों की गड़बड़ी हुई है, जिसे ठीक करवाने के लिए मकान स्वामी द्वारा प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि उक्त मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बावजूद उसके निगम के द्वारा इसे ध्वस्त कर दिया गया।
मकान स्वामी ने बताया कि वे नगर निगम की टीम को अपनी भूमि से सम्बंधित कागज़ात दिखा रहे थे किंतु टीम के द्वारा कागज़ात देखने से इनकार कर दिया गया और एक तरफ़ा कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर चला दिया, वो भी किसी पूर्व सूचना के। यदि पीड़ित परिवार की मानें तो उन्हें नगर निगम की टीम द्वारा ये बताया गया कि क्षेत्रीय पार्षद की शिकायत पर ये कार्यवाही की जा रही है। पीड़ित परिवार के अनुसार वे अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उनके साथ सियासत कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। पीड़ित परिवार अब मदद की आस लिये न्याय की मांग कर रहा है। मकान स्वामी के अनुसार उन्होंने जब इस मामले में नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा से बात करनी चाही तो उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने एवं किसी भी प्रकार से मदद करने से साफ इनकार कर दिया।
अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए पीड़ित परिवार शनिवार को ग्रामीणों संग कारगी स्थित पटेल नगर थाने के सामने मलबे में तबदील हो चुके खण्डरनुमा मकान के पास एकत्र हुए और नगर निगम प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी कर धरना दिया व प्रदर्शन किया। पीड़ित परिवार ने बताया कि वे इंसाफ की मांग को लेकर नगर निगम कार्यालय पर धरना देंगे एवँ मेयर सुनील उनियाल गामा को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। मकान स्वामी अरुण कुमार ने कहा कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
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